वर्तमान परिदृश्य में अनेकों बार ऐसे परिस्थितियां उत्तपन्न होती है, जहा संविधान का हवाला दिया जाता हैं साथ ही कहा जाता हैं कि संवधिान सर्वोपरि हैै हमें संविधान के अनुसार चलना चाहिए। बार - बार संविधान का जि़क्र होता हैं किन्तु एक सामान्य व्यक्ति संविधान क्या हैं इस जानकारी से दूर रहता हैं। इसलिए आम लोगों को भी इस बात कि जानकारी हो। आइये इसे जानने का प्रयास करते हैं।
संविधान
नियमों एवं कानूनों का ऐसा संग्रह जिससे मानव का संर्वागिण विकास होता है, उसे संवधिान कहते हैं।
या
किसी देश या राज्य को चलाने के लिए जिस नियम और कानून की आवश्यकता होती हैं उसे संविधान कहते हैं। बिना किसी नियम, विधि के बिना राज्य का संचालन करना संंभव नहीं होता हैं।
संविधान मुख्य रूप से दो प्रकार का होता हैं -
(1) लिखित संविधान
(2) अलिखित संविधान
(2) अलिखित संविधान :- नियमों एवं कानूनों का ऐसा संग्रह जो लिखित अवस्था में नहीं होता हैं उसे अलिखित संविधान करते हैं, जैैैैसे - ब्रिटेन, साऊदी अरब, इज़राइल एवं न्यूजीलैंड यह संंविधान रिति रिवाजों, परम्पराओं एवं न्यायी निर्णयों पर आधारित हैं।
- विश्व में सबसे पहले संविधान का विचार ब्रिटे्न के सर हेनरी मैन ने दिया था।
- ब्रिटे्न के संविधान को संविधानों का जनक कहते हैं ।
- विश्व का सबसे कठोर संविधान संयुक्त राज्य अमेरिका का हैं ।
कठोर:- ऐसा संविधान जिसें संशोधन करने में कठनाई होती हैं। कठोर संविधान कहलाता है। संशोधन के लिए 2/3 बहुमत की आवश्यकता होती हैं।
लचीला:- ऐसा संविधान जिसमें संशोधन करनाा आसानी हो लचीला संविधान कहलाता हैं, अर्थात साधारण बहुमत संसोधन होता है।
भारत का संविधान काठोर एवं लचिला दोनों प्रकार का हैं।
- भारत में सर्वप्रथम संविधान का विचार मानवेन्द्र नाथ रॉय ने दिया था।
- भारत में सर्वप्रथम संविधान की मांग करने वाला दल स्वराज दल था। एवं भारत में सर्वप्रथम संविधान की मांंग करने वालेे व्यक्ति मोतीलाल नेहरू थे, एवं संविधान पर सबसे पहले भाषण महात्मा गांधी जी ने दिया था।
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